वित्तीय साक्षरता का सरल भाषा में मतलब है , विभिन्न वित्तीय उत्पादों का ज्ञान और समझ का
होना । यह ज्ञान हमें हमारे पैसे, व्यक्तिगत वित्त, निवेश और कर योजना का प्रबंधन करने में
मदद करता है। इसका प्राथमिक उद्देश्य हमें वित्तीय धोखाधड़ी और घोटालों से बचाना है।
आर्थिक ज्ञान से साक्षर होने का मतलब यह जानना है कि अपने पैसे का प्रबंधन कैसे करें।
इसका मतलब यह है कि अपने बिलों का भुगतान कैसे करें, कैसे उधार लें और जिम्मेदारी से
पैसा बचाएं, और कैसे और क्यों निवेश करें और विभिन्न वित्तीय लक्ष्यों के लिए योजना बनाएं।
पुरुषों की तरह महिलाओं के लिए भी वित्तीय साक्षरता बहुत जरूरी है। हालांकि, शोध से पता
चलता है कि 62 प्रतिशत भारतीय महिलाओं का या तो बैंक खाता नहीं है या बैंकिंग सेवाओं
तक सीमित पहुंच है। वित्तीय साक्षरता महिलाओं को स्वतंत्र निर्णय लेने में सक्षम बनाती है।
आपात स्थिति या अप्रत्याशित परिस्थितियों के दौरान, यदि वह आर्थिक रूप से साक्षर है तो वे
सही कदम उठा सकती हैं। हालांकि, एक सर्वेक्षण से पता चला है कि केवल कुछ प्रतिशत
महिलाएं ही अपने मौजूदा धन को बनाने और बढ़ाने में सक्षम हैं।
5 बातें जो हर महिला को अपने वित्त के बारे में पता होनी चाहिए : -
अपने परिवार के सभी आय स्रोतों के बारे में जागरूक होना चाहिए :- एक महिला को उन सभी
संसाधनों के बारे में पता होना चाहिए जिनसे उसके परिवार को मासिक आधार पर आय हो रही
है। यदि वह सभी आय संसाधनों के बारे में जागरूक है तो वह अपने परिवार के खर्च और बचत
बजट को बेहतर तरीके से तैयार कर पाएगी।
बजट और बचत योजना: आमतौर पर महिलाएं अपने घर में पहले खर्च का बजट तैयार करती हैं
और खर्च करने के बाद अगर कुछ बचता है तो बचत की योजना बनाती हैं , लेकिन निवेश गुरु
वॉरेन बफेट ने कहा है कि पहले आपको बचत की योजना बनानी चाहिए और खर्च करना दूसरा
कदम होना चाहिए। बचत विकल्पों की योजना बनाने और व्यय बजट तैयार करने के लिए
वित्तीय साक्षरता बहुत महत्वपूर्ण है।
आपकी क्रेडिट रिपोर्ट और स्कोर मायने रखता है: - किसी आपात स्थिति या किसी अन्य ज़रूरत
के मामले में जैसे कि यदि आप अपना घर, अपना वाहन खरीदना चाहते हैं, तो आपको किसी
वित्तीय संस्थान से ऋण लेने की योजना बनाने की आवश्यकता हो सकती है। अपने क्रेडिट
इतिहास और क्रेडिट स्कोर (सिबिल) की जाँच करने से आपको अपनी वर्तमान क्रेडिट स्थिति को
बेहतर ढंग से समझने में मदद मिल सकती है। नियमित रूप से अपनी क्रेडिट रिपोर्ट की जाँच
करने से आपको इस बात की अधिक जानकारी हो सकती है कि ऋणदाता क्या देख सकते हैं।
अपनी क्रेडिट रिपोर्ट की जाँच करने से आपको किसी गलत या अधूरी जानकारी का पता लगाने
में भी मदद मिल सकती है। क़र्ज़ लेने की स्तिथि में आपको किसी किस्म की दिकत का सामना
नहीं करना पड़ेगा।
वित्तीय साक्षरता का पहला नियम :-
पहले खुद को भुगतान करें - बिलों और अन्य वित्तीय दायित्वों का भुगतान करने से पहले,
दीर्घकालिक लक्ष्यों (लॉन्ग टर्म गोल्स ) जैसे की बच्चों की पढाई , शादी और अप्रत्याशित आपात
स्थितियों (इमरजेंसी) के लिए बनाये गए खातों में हर महीने एक उचित राशि अलग रखें।
दीर्घकालिक लक्ष्यों के लिए समय और योजना की आवश्यकता होती है। वे कुछ ऐसे नहीं हैं जो
आप इस सप्ताह या इस वर्ष भी कर सकते हैं, इसलिए इन लक्ष्यों के लिए एक निश्चित ढंग से
प्लानिंग और निवेश करें।
वित्तीय साक्षरता कैसे प्राप्त करें: - आपको वित्तीय समाचारों पर विशेष ध्यान देने के साथ दैनिक
आधार पर समाचार पत्र पढ़ना शुरू करना चाहिए। आपको टेलीविजन पर वित्तीय समाचार देखने
के लिए दैनिक आधार पर कुछ समय देना भी शुरू कर देना चाहिए। कुछ वित्तीय जागरूकता
शिविरों में भाग लेना शुरू करें। आपको वित्तीय साक्षरता वेबिनार, ई-लर्निंग कार्यक्रमों में भाग
लेना शुरू कर देना चाहिए और व्यक्तिगत निर्देशों में भाग लेना चाहिए। ऐसी कई वेबसाइटें और
मोबाइल एप्लिकेशन हैं जो विशेषज्ञ मार्गदर्शन (एक्सपर्ट गाइडेंस ) प्रदान करते हैं और आपकी
वित्तीय साक्षरता बढ़ाने में आपकी सहायता करते हैं। इस दिशा में कुछ प्रयास करना सार्थक हो
सकता है।
डॉ संजय मित्तल
सीनियर बैंकर एंड
डॉक्टर ऑफ़ मैनेजमेंट
1119 , मॉडल टाउन , फेज 3
बठिंडा (पंजाब) – 151001
Mobile 95928 00921
Shsanjay.mittal@gmail.com
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